Our Philosophy
सेवा और स्वदेशप्रेम का आधार – युवा
‘सेवा और स्वदेशप्रेम’, यही दो प्रकार आवश्यक होते हैं जो युवा मन की आध्यात्मिकता को प्रकट करते हैं | भारतीय युवा-मन में इन दोनों भाव भावनाओं की व्याप्ति है, किन्तु अनुकूल वातावरण के अभाव में अभिव्यक्ति संभव नहीं हो पाती है ऐसा बार बार अनुभव भी होता है | भारत माता की जय का स्वप्न देखना पर्याप्त न होगा | इसके लिए आवश्यक साधन भी चाहिए, वातावरण भी चाहिए | दो घटनाओं ने यह अनुभव भी करा दिया तो साथ ही यह सिद्ध भी कर दिया कि बड़े स्तर पर युवाओं को संपर्क में लाने की आवश्यकता है | उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है जो स्वसंस्कारों से प्रेरित होकर कोई न कोई प्रयास कर रहे हैं | जो निष्क्रिय हैं उन्हें जगाने की आवश्यकता है कि तुम्हारे अंतर में भी स्वदेशप्रेम है, परोपकार का पवित्र भाव है | ‘—परोपकाराय पुण्याय पापाय परपीडनम’
एक तकनीकी विश्विद्यालय में स्वप्रेरणा से चल रहे छोटे से किन्तु सराहनीय प्रयास ने प्रेरित किया कि इस सुन्दर कार्य में अधिकाधिक युवा जुड़ सकते हैं | विश्विद्यालय परिसर में चलने वाले निर्माण कार्य से अपनी आजीविका कमाने वाले मजदूरों के छोटे छोटे बालकों (जिन्हें प्राथमिक शिक्षा सुविधा भी सुलभ नहीं हो पाती) को कुछ विद्यार्थी छोटा ग्रुप बना कर नियमित पढ़ा रहे थे | स्वयंप्रेरणा से एक छोटा ग्रुप बना कर प्रतिदिन घंटेभर के लिए पढ़ाना, उनकी स्कूलकिट भी निज जेबखर्च से उपलब्ध करानी, यह सचमुच सराहनीय प्रयास था |
इसी प्रकार एक भारतीय छात्रा चिकित्सा की पढाई करके विदेश में आजीविका कमा रही हैं | किन्तु वातावरण के प्रभाव से वह आज भारत और भारतीयता के लिए अच्छा भाव नहीं रखती है | यहाँ तक कि अच्छी आय होने पर उसका सदुपयोग कहाँ हो , यह विवेक भी नहीं है | चैरिटी हेतु विदेशी चर्च में धन देने वाली महिला चिकित्सक के सामने उसका स्वदेश और स्वधर्म भी हैं, अनेकों विकल्प हैं जहाँ वह अपने धन का सदुपयोग अपने मातृभूमि के हित में कर सकती है , किन्तु ऐसा नहीं होता | जीवन का उद्देश्य मात्र धनार्जन है ऐसे वातावरण का आधिक्य व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में स्वाभाविक होता है | देश में कुल उच्च शिक्षण संस्थानों में लगभग 44% व्यावसायिक संस्थान हैं | इनमे शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों का जीवन उद्देश्य भी धनार्जन के अतिरिक्त कुछ नहीं होता है | इसलिए इनके लिए कार्य करना भी अपने आप में सेवाकार्य है | यह विचार कुछ तरुण स्वयंसेवकों के मन में आया और एक मंच की कल्पना बनी जिसमे कुछ उत्साही कार्यक्रमों और विभिन्न सेवाकार्यों के द्वारा इन संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्वकर्तव्य का अनुभव कराया जाता है | इन्होने अपना कार्यक्षेत्र भी उच्च शिक्षण संस्थानों को ही बनाया |
‘सेवा और स्वदेशप्रेम’ को ही Yuva&seva foundation की प्रेरणा माना जाना चाहिए | ( जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी )
‘ निर्मल पावन भावना, सभी के सुख की कामना’ यह पंक्ति इस movement के उद्देश्य को बताती है | (परोपकाराय पुण्याय पापाय परपीडनम)
इस देश की 60% से अधिक जनसँख्या तरुणों की है तो इसके उत्थान का जिम्मा भी इन्ही तरुणों का होना चाहिए | ये ही इस महत्वपूर्ण कार्य को अधिक कुशलता और यथोचित समय पर उपयुक्त रीति से कर पाएंगे | सेवा क्षेत्र में युवा पीढ़ी की महत्त्वपूर्ण भूमिका बननी चाहिए इस दृष्टिकोण को लेकर Yuva&seva foundation अपनी यात्रा प्रारंभ कर चूका है | शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों से नियमित संपर्क, उनके बीच सेवा का महत्त्व और सेवाकार्यों की विविधता और व्यापकता का सन्देश, उनमे से चयनित विद्यार्थियों को नियोजित सेवाकार्यों में अनुभव विस्तार हेतु भेज कर संस्कार और इस प्रक्रिया से निखरे विद्यार्थी को अच्छा स्वयंसेवक बनाने की कार्यपद्धति को संस्था ने construction 4s का नाम दिया है |
Construction 4s
इसके अंतर्गत चार चरण लिए गए है
- Yuva sampark
- Yuva sangrah
- Yuva samskara
- Yuva samstha vyavastha
कार्यपद्धति के इस स्वरूप के प्रथम तीन चरण का नियोजन और आयोजन संस्था स्वयं करती है | चौथे चरण के लिए विद्यार्थी स्वयं निर्णय करता है |
Yuva sampark – अपने क्षेत्र के सभी व्यावसायिक उच्च शिक्षण संस्थान की सूचि बनाना और उनमे विद्यार्थियों और प्राध्यापकों से संपर्क करना | उनके साथ अनौपचारिक छोटी छोटी बैठकें करना जिसमे अध्यात्म और सेवा से जुड़े विषयों का आधिक्य हो | कुछ समय पश्चात् उसी टोली में से एक प्राध्यापक को संस्थान प्रमुख बनाना और उनके सहयोग के लिए कुछ छात्र और छात्राएं भी निश्चित करना | फिर इन्ही प्रमुख कार्यकर्ताओं के द्वारा membership भी करना |
Yuva sangrah – वर्ष में एक प्रेरणास्पद भव्य कार्यक्रम का आयोजन करना जिसमे न्यूनतम 15-20 शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों और युवा प्राध्यापकों द्वारा प्रतिनिधित्व हो | बौद्धिक,चर्चा, अनुभव कथन, जिज्ञासा समाधान और दृश्य-श्रव्य सत्र से युक्त इस कार्यक्रम के प्रबोधन के लिए भी ऐसे ही व्यक्तित्व बुलाना जिसने ‘सेवा और स्वदेशप्रेम’ को स्वयं जिया है, इसके लिए उनकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है | ऐसे सामाजिक नेतृत्व के मार्गदर्शन में युवा मन प्रेरणा पाता है और संकल्प लेता है कि जीवन के किसी भी पड़ाव में वह राष्ट्र का अहित नहीं करेगा और सेवाकार्य के द्वारा अपने जीवन की सार्थकता मानेगा |
Yuva samskara – नियमित अभ्यास ही संस्कार हैं | इनके अभाव में सभी संकल्प भी अधूरे रह जाते हैं | अतः कार्यक्रम में बने संकल्प को जीवित रखने के लिए YSF ने कुछ सेवा कार्यों की सूचि निश्चित की है जिन्हें विद्यार्थियों के लिए करना संभव है | YSF के निश्चित कार्यकर्त्ता द्वारा शिक्षण संस्थान में निर्धारित सेवाकार्य के लिए कार्यशाला संपन्न की जाती है तत्पश्चात सूचीबद्ध विद्यार्थी उस सेवाकार्य के लिए क्षेत्र में निकलते हैं |
Yuva samstha vyavastha – पर्याप्त अनुभव पश्चात् विद्यार्थी स्वयं निर्णय करने लगता है कि उसकी रूचि का कार्य क्या है ? किस स्तर पर कार्य करना है ? कब करना है ? कहाँ करना है ? और कैसे करना है ? इस निर्णय में सहयोग की दृष्टि से YSF उसे विकल्प के रूप में अवसर भी देता है |
कार्यपद्धति का अधिक महत्त्वपूर्ण भाग yuva samskara है जिससे युवा मन को उपलब्धि की संतुष्टि होती है | उसे लगता है कि उसने सचमुच परोपकार किया है, कोई सार्थक कार्य किया है | अतः इस चरण को विस्तार देते हुए इसके कुछ कार्यक्रम भी निश्चित किये है |
Health 2s – इसके लिए दो प्रकार के क्षेत्र तय किये गए है
- स्वच्छता
- स्वच्छता हेतु जागरण कार्यक्रम
- कोई एक सार्वजनिक स्थान अथवा शिक्षण संस्थान परिसर का कोई स्थान की स्वच्छता की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेना
- स्वास्थ्य
- स्वास्थ्य जाँच शिविर
- योगाभ्यास केंद्र
- औषधि बक्सा
Education 3s – इसके लिए तीन प्रकार के क्षेत्र तय किये गए हैं
- शिक्षा
- संस्थान परिसर अथवा बाहर संस्कार केंद्र चलाना
- ग्राम विकास समिति द्वारा निश्चित विद्यालय में अध्यापन हेतु जाना
- साहित्य
- झोला पुस्तकालय (mobile library)
- शिक्षा और संस्कार युक्त विडियो प्रदर्शन
- spirituality
- ध्यान कक्षा चलाना और किसी तीर्थ का भ्रमण कार्यक्रम बनाना
Creativity 4s – यहाँ भी चार प्रकार के क्षेत्र तय किये हैं
- Social media
- विभिन्न स्थानों पर चलने वाले भिन्न भिन्न सेवाकार्यों का आकर्षक प्रचार
- संवेदना जगाकर सेवा प्रेरणा देने वाली छोटी छोटी टीज़र्स एकत्र करना/ बनाना और अधिकाधिक प्रचार करना
- Sweet dreams
- बालकों की प्रतिभाओं को साकार करने हेतु गावों के सरकारी विद्यालयों में चित्रकला, हस्तकला आदि की प्रतियोगिता
- बस्तियों में मेहंदी रचाओ, रंगोली बनाओ प्रतियोगिता
- संगीत
- एकल गीत प्रतियोगीता
- समूहगान प्रतियोगिता
- सृष्टि
- वर्ष में दो बार अभियान लेकर वृक्षारोपण और उनके पालन की जिम्मेदारी सोपना
Revolution 5s – इसके लिए पांच प्रकार के क्षेत्र तय किये गए हैं
- संवेदना
- ‘भोजन को व्यर्थ न करें, भूखों का विचार करें’ ऐसा कुछ जागरण कार्यक्रम
- अचानक आई विपदा में राहत कार्यों में स्वयं की भूमिका तय करना
- सेवाबस्ती
- समस्या सर्वेक्षण हेतु वर्ष में एक बार अवश्य जाना
- सेवाग्राम
- समस्या सर्वेक्षण हेतु वर्ष में एक बार अवश्य जाना
- स्वावलंबन
- अकुशल (nonskilled) पुरुषों/ महिलाओं और कम पढ़े लिखे लड़के/लड़कियों की कुशलता बनाने के लिए उनको विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों में प्रवेश दिलाना
- संचय
- सेवाबस्ती और ग्राम में स्वयं सहायता समूह की जानकारी देना और सभी आवश्यक सहयोग करना
YSF की शुरुआत हरियाणा प्रान्त में एक वर्ष पूर्व हुई थी | अब तक हरियाणा प्रान्त के 14 विश्विद्यालयों और 60 शिक्षण संस्थानों में संपर्क व्याप्त हो चूका है | कोर टीम के 6 सदस्यों के साथ 12 जिलों में जिला संयोजक भी निश्चित हो गए हैं | और 9 विश्विद्यालयों और 24 शिक्षण संस्थानों के प्रमुख भी तय हैं | इस एक वर्ष में कार्यकर्ताओं के उत्साह से कुछ कार्यक्रम संपन्न हुए हैं |
तीन बड़े सेमिनारों में 1535 विद्यार्थियों का पंजीकरण और सहभागिता हुई | ग्रामीण सरकारी स्कूलों में जहाँ बच्चों को इस बात का कोई मार्गदर्शन नहीं मिलता कि 10th पश्चात् किसे क्या विषय लेना चाहिए, 12th पश्चात् किसे क्या carrier line चुनना चाहिए ? इसके लिए स्वयंसेवकों ने educational counciling programme किये जिसमे 1600 से अधिक छात्र छात्राओं को लाभ मिला | DCRUST, murthal और NIT, kurukshetra के छात्रों द्वारा बस स्टेंड और अपने विभाग को स्वच्छ बनाने का अभियान लेने का प्रसंग हो या PGI, Rohtak के छात्रों द्वारा अस्पताल में helpdesk चलाने का | govt.polytechnic collage, jhajjar के विद्यार्थियों द्वारा रक्तदान शिविर हो या PGI, Rohtak और PGI, Khanpur द्वारा नियमित संचालित स्वास्थ्य जाँच शिविर | पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण के लिए BPSW University, khanpur की छात्राएं हों या कैथल के छात्र | देश में नोटबंदी के समय आम व्यक्ति को लम्बी कतारों में लगना पड़ा तो उनके जलपान आदि की व्यवस्था एवं अन्य फॉर्म सम्बंधित सहयोग करने में भी YSF के स्वयंसेवक आगे रहे |